ढिबरी
अन्हियारे से लड़ती अदना ढिबरी... सीने मे दावानल भी ... और सागर अगम अतल भी...
संस्मरण
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ब्लॉग डायरी
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शुक्रवार, 8 जनवरी 2010
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पूरा दिन छूँछ घूमने के बाद रात में जब लिखने बैठा तो मन में एक गजल का मिसरा घूम रहा था..... बैठते ही देखता हूँ कि मोनिटर के किनारे से ब्लॉग क...
मंगलवार, 5 जनवरी 2010
पहला प्यार
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मेरे दिल की राज कुमारी मेरी प्राणाधार कैसे कह दूँ तुमसे तुम हो मेरा पहला प्यार कैसे कह दूँ तुम मेरी पहली चाहत हो भूख प्यास...
क्या मांगता हूँ ... एक गज़ल
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क्या मांगता हूँ इसकी मुझको खबर नहीं या मेरी दुआओं का ही कोई असर नहीं थोड़ी सी ख़लिश ने ही मरासिम मिटा दिए दिवार-ए-अना इश्क म...
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सोमवार, 4 जनवरी 2010
पाती(पुनर्प्रकाशन)
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पाती के संग बहते आंसू पहुचे तेरे पाँव में परदेसी परदेश छोड़ कर वापस आ जा गांव में दिल में लावा उबल रहा है प्यासे रेगिस्तान है कुछ बिरहा की आग...
रविवार, 3 जनवरी 2010
नज़र की भाषा अदाओं का गणित
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रात थी चांदनी सुहानी भी लब पे थी अनकही कहानी भी दिल में थी पाक मोहोब्बत की महक मन के कोने में बेईमानी भी वैसे तो चेहरे पे सब लिक्खा है ...
1 टिप्पणी:
शुक्रवार, 1 जनवरी 2010
नया वर्ष मंगलमय हो.........
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4 टिप्पणियां:
बुधवार, 30 दिसंबर 2009
कैक्टस, गुलाब और गुलाब जामुन.
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आज वर्ष २००९ का अंतिम दिन है , लोग आज से ही शुरू हो जायेंगे। मैसेज भेजेंगे , इ मेल करेंगे , और भी बहुत से खेल होंगे ...
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