ढिबरी
अन्हियारे से लड़ती अदना ढिबरी... सीने मे दावानल भी ... और सागर अगम अतल भी...
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बुधवार, 25 अगस्त 2010
आज़ाद पुलिस (संघर्ष गाथा-२)
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11 जुला 2010 गतांक से आगे – निर्दोष ब्रह्मपाल लखनऊ की आठ महीने पन्द्रह दिन की जेल काट कर आया तो उसका मन प्रशासन और पुलिस के भ्रष्टाचार...
आज़ाद पुलिस (संघर्ष गाथा -१)
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आज़ाद पुलिस (संघर्ष गाथा -१) 11 जुला 2010 पिछले दस वर्षों से आते जाते देखा है उसे …पुलिस वाले उसे देखते ही अपनी ड्यूटी पर सचेत हो जाते ह...
शनिवार, 14 अगस्त 2010
वंदे मातरम !
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वंदे मातरम !! जय हिंद !! Posted via email from हरफनमौला
गुरुवार, 8 जुलाई 2010
क्रान्ति सुनहरा कल लाएगी
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क्रान्ति सुनहरा कल लाएगी संघर्षों का फल लाएगी स्वप्न बंधे जंजीरों में आशाएं कुंठित रुद्ध भले होँ आज समय विपरीत सही विधि के निर्माता क्र...
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गुरुवार, 24 जून 2010
आस्था बनाम बाज़ार
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वर्षों से रोज़ मोहन नगर की मंदिर,पीर बाबा की मज़ार और हिंडन नदी के किनारे साईं उपवन वाले साईं बाबा के मंदिर पार करते हुए बाज़ार, बहुत सी रिहाईश...
2 टिप्पणियां:
रविवार, 20 जून 2010
इक नज़र का नशा मुकम्मल यूँ
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बिन तुम्हारे भी क्या किया जाए अब मरा जाए या जिया जाए लुट गया सब न कुछ रहा बाकी लुत्फ़-ए-आवारगी लिया जाए इस से बेहतर कि शिकायत रोए...
बुधवार, 5 मई 2010
लेकिन मैंने हार न मानी .... (पदम सिंह)
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राहें कठिन अजानी संघर्षो की अकथ कहानी लेकिन मैंने हार न मानी आशाओं के व्योम अनंतिम स्वप्नों का ढह जाना दिन दिन संबंधों के तान...
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