ढिबरी
अन्हियारे से लड़ती अदना ढिबरी... सीने मे दावानल भी ... और सागर अगम अतल भी...
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ब्लॉग डायरी
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शनिवार, 28 जनवरी 2012
नेता स्त्रोत ...
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सदा श्वेत वस्त्रम , खुंसे अंग शस्त्रम , च वाहन विशालादि सत्ता सुखम ... चमचा कृपालम , विरोधस्य कालम , सुवांगी श्रुतम चैव लारम ...
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हे वीणा शोभायनी
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हे वीणा शोभायनी, हे विद्या की खान मेरी भव बाधा करो, बाँह धरो अब आन माँ तुमसे क्या छुपा है तू कब थी अनजान तुम्हीं सँवारो काज सब, तुम्ह...
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मंगलवार, 24 जनवरी 2012
जूता पचीसी
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कई बार मज़ाक मे लिखी गयी दो चार पंक्तियाँ अपना कुनबा गढ़ लेती है... ऐसा ही हुआ इस जूता पचीसी के पीछे... फेसबुक पर मज़ाक मे लिखी गयी कुछ पं...
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सोमवार, 2 जनवरी 2012
जनमानस स्तब्ध है लोकतन्त्र लाचार
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****** जनता सड़कों पर खड़ी मांग रही कानून मनमानी सरकार की बना नहीं मजमून भय है भ्रष्टाचार पर लग ना जाय नकेल भ्रष्टाचारी खेलते उ...
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सोमवार, 28 नवंबर 2011
Untitled
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आंसुओं से कब भला धुलती तमा तकदीर की शान्ति पलती है हमेशा साये मे शमशीर की Posted via email from पद्म सिंह का चिट्ठा ...
सोमवार, 3 अक्टूबर 2011
भ्रष्टाचार - कारण और निवारण
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पिछले कुछ दिनों से अचानक एक मुद्दा तूफान की तरह उठा और पूरे भारत मे चर्चा का विषय बन गया... ऐसा नहीं कि यह पहले कोई मुद्दा नहीं था या कभी उ...
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मंगलवार, 27 सितंबर 2011
दिल पे मत ले यार !
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किसी व्यक्ति ने इसे कुमार विश्वास के पेज पर पोस्ट किया हुआ था.. आप हँसते हँसते पागल हो जाओगे..कसम से.. दिग्विजय सिंह - दिग्विजिय ...
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