ढिबरी
अन्हियारे से लड़ती अदना ढिबरी... सीने मे दावानल भी ... और सागर अगम अतल भी...
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गुरुवार, 24 जून 2010
आस्था बनाम बाज़ार
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वर्षों से रोज़ मोहन नगर की मंदिर,पीर बाबा की मज़ार और हिंडन नदी के किनारे साईं उपवन वाले साईं बाबा के मंदिर पार करते हुए बाज़ार, बहुत सी रिहाईश...
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रविवार, 20 जून 2010
इक नज़र का नशा मुकम्मल यूँ
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बिन तुम्हारे भी क्या किया जाए अब मरा जाए या जिया जाए लुट गया सब न कुछ रहा बाकी लुत्फ़-ए-आवारगी लिया जाए इस से बेहतर कि शिकायत रोए...
बुधवार, 5 मई 2010
लेकिन मैंने हार न मानी .... (पदम सिंह)
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राहें कठिन अजानी संघर्षो की अकथ कहानी लेकिन मैंने हार न मानी आशाओं के व्योम अनंतिम स्वप्नों का ढह जाना दिन दिन संबंधों के तान...
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सोमवार, 3 मई 2010
हम हमेशा को एक हो जाएँ
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एक पुरानी रचना दे रहा हूँ ... शुरूआती दौर की रचना है .... पता नहीं कैसी लगे आपको .... चलो एक दूसरे में खो जाएँ हम हमेशा को एक हो जाएँ भटकत...
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रविवार, 2 मई 2010
इंडियागेट, बोट क्लब,और शिकारियों का शिकार
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आजकल कुछ ठीक नहीं चल रहा मेरे जीवन में .... इस लिए ब्लॉग पर भी कम सक्रिय हूँ ... फिल हाल अपनी हाजिरी दर्ज करने के लिए आपको आज ले चलता हूँ ...
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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010
चप्पल चोरी बनाम दरोगा जी ....(पद्म सिंह)
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19-04-2010 की सुबह... नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन धड़ धड़ कर चली जा रही थी .... लगभग पांच छह के आसपास का वक्त था... ट्रेन की बर्थ पर लेटे लेट...
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शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010
मालो जर हो तो मुत्तहिद रहना, प्यार हो गर तो फिर बिखर जाना
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एक बार गुरु नानक साहब किसी गाँव से गुजर रहे थे अपने शिष्यों और अनुगामियों के साथ, रात होने के कारण उसी गाँव में डेरा डाल दिया ... गाँव वाल...
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