ढिबरी
अन्हियारे से लड़ती अदना ढिबरी... सीने मे दावानल भी ... और सागर अगम अतल भी...
संस्मरण
(यहां ले जाएं ...)
मुखपृष्ठ
परिचय
ब्लॉग डायरी
▼
शनिवार, 24 मार्च 2012
कैक्टस गुलाब और गुलाब जामुन
›
लव गुरु से किसी चेले ने पूछा एक दिन गुरु नारियों के भेद आज बतलाइए कैसे किस नज़र से देखे कोई कामिनी को सार सूत्र सुगम सकल समझाइए गुरु बोल...
2 टिप्पणियां:
सोमवार, 13 फ़रवरी 2012
भेरी आवाज़ लगाती है
›
अब जाग उठो अब कमर कसो आहुति की राह बुलाती है ललकार रही दुनिया हमको भेरी आवाज़ लगाती है भारत माता के वीर सपूतो धारा की पहचान करो नावो...
7 टिप्पणियां:
बुधवार, 8 फ़रवरी 2012
बस यही रात सोचने के लिए बाकी है
›
कल उत्तर प्रदेश मे चुनावी घमासान की शुरुआत है... फेसबुक पर अनगढ़ चिन्तन करते करते कुछ अनगढ़ विचार पंक्तियों मे उतर आए.... पोस्ट के कमेन्ट क...
6 टिप्पणियां:
शनिवार, 4 फ़रवरी 2012
न्यू मीडिया पर दुनिया भर की तमाम सरकारों की तिरछी नज़र
›
नवभारत टाइम्स पेज 10 - दिनांक 04/02/2012 Posted via email from पद्म सिंह का चिट्ठा - Padm Singh's Blog
1 टिप्पणी:
शनिवार, 28 जनवरी 2012
नेता स्त्रोत ...
›
सदा श्वेत वस्त्रम , खुंसे अंग शस्त्रम , च वाहन विशालादि सत्ता सुखम ... चमचा कृपालम , विरोधस्य कालम , सुवांगी श्रुतम चैव लारम ...
1 टिप्पणी:
हे वीणा शोभायनी
›
हे वीणा शोभायनी, हे विद्या की खान मेरी भव बाधा करो, बाँह धरो अब आन माँ तुमसे क्या छुपा है तू कब थी अनजान तुम्हीं सँवारो काज सब, तुम्ह...
3 टिप्पणियां:
मंगलवार, 24 जनवरी 2012
जूता पचीसी
›
कई बार मज़ाक मे लिखी गयी दो चार पंक्तियाँ अपना कुनबा गढ़ लेती है... ऐसा ही हुआ इस जूता पचीसी के पीछे... फेसबुक पर मज़ाक मे लिखी गयी कुछ पं...
4 टिप्पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें