शनिवार, 28 जनवरी 2012

हे वीणा शोभायनी

Bi_vasantpanchami_09_jan_16_16
हे वीणा शोभायनी, हे विद्या की खान
मेरी भव बाधा करो, बाँह धरो अब आन
माँ तुमसे क्या छुपा है तू कब थी अनजान
तुम्हीं सँवारो काज सब, तुम्हीं बचाओ मान
आन बान सब छाँणि के आया मै नादान
पत राखो वागेश्वरी, शत शत तुम्हें प्रणाम
..............
वसन्त पंचमी के पावन पर्व पर माँ वीणापाणि के चरणों मे प्रणाम करते हुए
आप सब को बहुत बहुत मंगल कामनाएँ ....


3 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद उम्दा वक्तव्य्……बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें।

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  2. बहुत सुन्दर,सार्थक प्रस्तुति।

    ऋतुराज वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  3. आपको भी वसन्त पंचमी की मंगलकामनाएँ!

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