सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

भेरी आवाज़ लगाती है

Anna_anshan_25-08-11_10

अब जाग उठो अब कमर कसो आहुति की राह बुलाती है

ललकार रही दुनिया हमको भेरी आवाज़ लगाती है


भारत माता के वीर सपूतो धारा की पहचान करो
नावों के बंधन को खोलो पतवार उठा प्रस्थान करो
फिर नए लक्ष्य की चाह विजय की राह तुम्हें दिखलाती है

ललकार रही दुनिया हमको भेरी आवाज़ लगाती है

तंद्रा छोड़ो आँखें खोलो अब नए लक्ष्य संधान करो
तम की कारा को तोड़ फोड़ जगती का नव उत्थान करो
जब अपनी बाहों मे बल हो तो दुनिया पलक बिछाती है
ललकार रही दुनिया हमको भेरी आवाज़ लगाती है


अब प्रण की बारी आई है अब रण की बारी आई है
तन मन को जो दूषित कर दे वो रात दुधारी आई है
भारत माँ अपने बेटों को सत्पथ की राह बुलाती है
ललकार रही दुनिया हमको भेरी आवाज़ लगाती है

Posted via email from पद्म सिंह का चिट्ठा - Padm Singh's Blog

7 टिप्‍पणियां:

  1. कुंवरजी,अरुणेश दवे जी, मधुरेश जी अनुपम पाठक जी और RSS Vaishali जी ... आप सब का ब्लॉग पर आगमन के लिए साधुवाद !

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