राहें कठिन अजानी
संघर्षो की अकथ कहानी
लेकिन मैंने हार न मानी
आशाओं के व्योम अनंतिम
स्वप्नों का ढह जाना दिन दिन
संबंधों के ताने बाने
नातों का अपनापा पल छिन
क्रूर थपेड़े संघर्षों के
दुर्दिन की मनमानी,
लेकिन मैंने हार न मानी
दूर क्षितिज तक अनगिन राहें
अनबूझी सी फैली फैली
लक्ष्य कुहासे जैसा धूमिल
सभी दिशाएँ मैली मैली
कभी समय से टक्कर ली तो
कभी भाग्य से ठानी
लेकिन मैंने हार न मानी
लिए तकाज़े नए नए नित
समय खड़ा था सांझ सकारे
दुनिया के, मनके, भावों के
किसके किसके क़र्ज़ उतारे
बिखरा बिखरा बचपन देखा
टूटी हुई जवानी .....
लेकिन मैंने हार न मानी
कुछ भावों के अश्रु निचोड़े
मनुहारों के धागे जोड़े
टूटे छंद बंद रिश्तों के
जोड़े कुछ तोड़े कुछ छोड़े
निश-दिन के ताने बाने में
बुनती गई कहानी
लेकिन मैंने हार न मानी
यार मिले तो यारी कर ली
दुःख की साझेदारी कर ली
ये न हुआ पर गद्दारों से
मौके पर गद्दारी कर ली
औरों को माफ़ी दे दी
पर अपनी गलती मानी
मैंने तम से हार न मानी
आँखें नम थी पर मुस्काए
रुंधे गले से गीत सुनाये
शब्दों की माला पहनाई
रस छंदों के दीप जलाए
प्रभु को हँस कर किये समर्पित
नयनों निर्झर पानी
लेकिन मैंने हार न मानी
Posted via email from हरफनमौला
अरे हार तो मानना ही नही है .किसी ने कहा भी है-
जवाब देंहटाएं' पार उतरेगा वो ही खेलेगा जो तूफ़ान से,
मुश्किलें डरती रही है नौजवां इंसान से '
कुरुक्षेत्र है ये जीवन जहाँ हर व्यक्ति को अपना अपना युद्ध स्वयम लडना होता है.
एक नही के चक्र-व्यूहों से भी गुजरना होता है और कोई कृष्ण भी साथ नही.
पर कायरों की तरह पीठ दिखाने के लिए तुम और हम पैदा नही हुए हैं. पद्म !
ये युद्ध हार भी गए तो भी बहादुरों की तरह लड़ते हुएही.
तुम्हारे इस मर्दानगी भरे जज्बे को सलाम.मुझे कायर औरनिराशावादी लोग बिलकुल पसंद नही.
इसलिए भी ये कविता अच्छी लगी .इसमें जोश है,उमंग है,मुसीबतों से टकराने का जज्बा है.
गुड,वेरी गुड
टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर
जवाब देंहटाएंपत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात
कोयल की कुहुक रात
प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूँ
गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अन्तर की चीर व्यथा पलको पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा,
रार नई ठानूँगा,
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
जीवन का माहौल ऐसा ही जीवट बनाये रखें । आपको पढ़कर कुछ नया ही मिलता है ।
जवाब देंहटाएंआप के ब्लॉग पर आकर हिंदी की लयबद्ध कविता पढ़ने का पूरा मज़ा आता है ,
जवाब देंहटाएंइतनी जोशीली और बाहिम्मत कविता के लिए मुबारकबाद क़ुबूल करें
आँखें नम थी पर मुस्काए
रुंधे गले से गीत सुनाये
शब्दों की माला पहनाई
रस छंदों के दीप जलाए
प्रभु को हँस कर किये समर्पित
नयनों निर्झर पानी
लेकिन मैंने हार न मानी
वाह!
जीवन की सफलता भी इसी में है कि हम परेशानियों को हराएं न कि परेशानियां हम को
wahwa... Sunder kavita..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
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