अन्हियारे से लड़ती अदना ढिबरी... सीने मे दावानल भी ... और सागर अगम अतल भी...
आंसुओं से कब भला धुलती तमा तकदीर की
शान्ति पलती है हमेशा साये मे शमशीर की
Posted via email from पद्म सिंह का चिट्ठा - Padm Singh's Blog
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