शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

राम करे .....





राम करे मै बनूँ चुनरिया



चढ़ कंधे लहराऊं



या फ़िर होठों की लाली बन



धन धन भाग मनाऊं



चोटी का गजरा बन जाऊं



महकूँ और रिझाऊं



या फ़िर पावों की पायल बन



छम छम नाचूं गाऊं



बन जाऊं कानों के कुंडल



गालों को सहलाऊं



लौंग नाक का बनू



तडित बिजली सा तुझे सजाऊं



मै बन जाऊं पहली चाहत



तुझे खूब तडपाऊ



या बन जाऊं साजन तेरा



तेरा ही हो जाऊं